पटना। बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के द्वारा जातीय जनगणना कराने की मांग पर विधानसभा में मजबूती से बात रखने की सराहना करते हुए कहा कि जब बिहार विधानसभा ने दो दो बार जातीय जनगणना संबंधित प्रस्ताव पारित किया हुआ है तब भी इस मामले में एनडीए के नेतागण दोहरी नीति क्यों अपना रहे है। जहां एक ओर नीतीश कुमार जातीय जनगणना कराने की बात तो करते हैं लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का इरादा नहीं रखते। ये इनकी मंशा को स्पष्ट करता है।
दरअसल यह लोगों को भ्रम में रखकर ऐसी ऐसी राजनीति करने में माहिर है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के द्वारा जातीय जनगणना कराने पर देश टूटने की बात कहना पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी सोच को उजागर करता है बल्कि इससे यह भी साबित होता है कि भाजपा को कभी भी पिछड़ा तथा अति पिछड़ा को मान सम्मान देने का नहीं रहा है बल्कि आरएसएस के विचारधारा के अनुसार बंच ऑफ थॉट को लागू करने का रहा है जिसमें पिछड़ा, अति पिछड़ा तथा अनुसूचित जाति जनजाति हाशिए पर पर रखकर धार्मिक ध्रुवीकरण के माध्यम से राजनीतिक हित साधने का रहा है।
श्वेता / पटना